उदयनिधि स्टालिन के बाद अब Priyank Kharge ने धर्म पर दिया बयान, कहा – वह बीमारी के समान है

India News (इंडिया न्यूज़), Priyank Kharge: तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की ‘सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए’ वाली टिप्पणी बवाल मचा हुआ है बीजेपी इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन पर निशाना साध रही है। ऐसे में इसे लेकर कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे और के.सी. वेणुगोपाल ने इसे सकारात्म बताया है। बता दें उदयनिधि ने अपने बयान में सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की थी।

Priyank Kharge


प्रियांक खरगे ने क्या कहा?

कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा, “कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है या यह सुनिश्चित नहीं करता है कि आपको इंसान होने का सम्मान मिले, वह मेरे अनुसार धर्म नहीं है। कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता है या आपके साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता है वह बीमारी के समान है।” वहीं इस बयान पर कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल का कहना है कि हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट है- ‘सर्व धर्म समभाव’, यह कांग्रेस की विचारधारा है। हर राजनीतिक दल को अपनी बात कहने की आजादी है… हम सभी के विचारों का सम्मान करते हैं: त

बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया

इस मामले को आग की तरह फैलता देख डीएमके के संयुक्त सचिव और प्रवक्ता सरवनन अन्नादुरई ने उदयनिधि की वकालत करते हुए  कहा,” हमारे नेता उदयनिधि के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है, संदर्भ से बाहर कर दिया गया है और सबसे बड़े फर्जी समाचार विक्रेता ने एक ट्वीट किया है कि उदयनिधि स्टालिन ने नरसंहार के लिए कहा था। यदि प्रधानमंत्री ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ कहते हैं, तो क्या वह नरसंहार का आह्वान करते हैं?”

स्टालिन ने नरसंहार का आह्वान किया है?

उन्होंने आगे कहा, “वे कैसे कह सकते हैं कि उदयनिधि स्टालिन ने नरसंहार का आह्वान किया है? वह एक फर्जी खबर है, वह घृणास्पद भाषण है। फर्जी खबरें लाने और नफरत फैलाने के लिए उन्हें कानून के प्रति जवाबदेह होना होगा। जब हम कहते हैं कि हम ‘सनातन धर्म’ को ख़त्म करना चाहते हैं तो इसका मतलब है कि हम कठोर जाति व्यवस्था को ख़त्म करना चाहते हैं।”

क्या है पूरा मामला?

बता दें उदयनिधि ने शनिवार को सनातन उन्मूलन सम्मेलन में सनातन धर्म पर प्रहार करते हुए कहा था कि कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे मिटाना है।इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है सनातन नाम संस्कृत का है।यह सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है।

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